Benefits of ghee

घी जरूर खाएं, इससे नुकसान नहीं, जानिए इसके अनोखे फायदे (Benefits of ghee)

घी जरूर खाएं, इससे नुकसान नहीं, जानिए इसके अनोखे फायदे (Benefits of ghee) इस पोस्ट के जरिये हम आपको घी (Benefits of ghee)के बारे में आपको पूर्ण जानकारी देंगे ह्रदय रोगी,मोटापा,जोड़ो के दर्द से मुक्ति, सुंदर त्वचा पाने के इच्छुक लोग इस पोस्ट को जरुर पढ़े।

जो लोग बिना घी की रोटी खाते है उन लोगो को मुर्ख बनाया गया है। सच्चाई क्या है इससे आप अनजान है दोस्तों, हर घर से लोग यह जरुर कहते है “मेरे लिए घी लगाई रोटी मत लाना”, आपके घर में भी कहते होगें, लेकिन घी को मना करना सीधा सेहत को मना करना है। लोगो को घी और तला हुआ या चिकनाहट वाले भोजन में अंतर नही पता है जिसके कारण वह घी से दूरी बना लेते है। पुराने समय के लोग अपनी सामान्य दिनचर्या में घी का का प्रयोग नि:संकोंच होकर करते थे घी का मतलब है देसी गाय का वैदिक विधि से बिलोने से बिलोया हुआ शुद्द देशी घी। घी को पहले अच्छा माना जाता था गावों में आज भी लोग देशी घी का खाने में इस्तेमाल करते है और कोलेस्ट्रोल और हार्ट अटैक जैसी बीमारियाँ कभी सुनने में भी नही आती थी। लेकिन फिर शुरू हुआ घी का योजनाबद्ध नकारात्मक एवं गलत प्रचार। डॉक्टरों और बड़ी बड़ी विदेशी कंपनियों ने मिलकर अपने बेकार और अनावश्यक उत्पादों का बाजार खड़ा कराने के लिए लोगों में घी के प्रति भ्रम फैलाया और कहा कि "घी से मोटापा आता है, कोलेस्ट्रोल बढता है, और हार्ट अटैक आने की सम्भावना बढती है।" जबकि ये पूर्णतः गलत है। जानने योग्य बात यह है कि यदि गाय का घी वैदिक पद्दति से बना है तो उसके पिघले स्वरूप में रहने का तापमान हमारे शरीर के सामान्य तापमान से कम होता है अतः यह हमारे शरीर के यह कभी जमता नही है। परंतु यदि गाय के दूध से भी घी गलत विधि से बनाया गया है या भैंस, विदेशी नस्ल की गाय जैसा दिखने वाले जीव के दूध से बने घी का पिघला स्वरूप शरीर के तापमान से अधिक होता है। इसलिए यदि आप मेहनत का काम नहीं करते है तो ऐसा घी आपको जरुर बीमार करेगा। सच्चाई तो यह है कि कॉलेस्ट्रोल नाम का बहुत सालों पहले विदेशी बाजार द्वारा फैलाया गया जाल है परन्तु अब इन्ही लोगो ने माना है कि दुनिया के किसी भी खाद्य पदार्थ में कोलेस्ट्रॉल होता ही नही है। बल्कि अच्छा या खराब कोलेस्ट्रॉल तो हमारे शरीर मे ही बनता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि हम किस तरह का घी और तेल खाते है और उनका पाचन हमारा शरीर कितने प्रभावी ढंग करता है। यदि शुद्ध बिलोने वाला वैदिक तरीके से बनाया गाय का घी हमारे शरीर मे जाएगा तो वह अच्छा कोलेस्ट्रॉल ही बनेगा। जबकि रिफाइंड और दुसरे वनस्पति तेल और बाजारू घी ख़राब कोलेस्ट्रॉल बनाते है। जिसके कारण लोग बीमार होंगे और इससे डॉक्टरों का धंधा भी चलता रहेगा। इसी गन्दी सोच के कारण ये डॉक्टर इन विदेशी लुटेरी कंपनियों के साथ मिल गए है। अब इस मार्केट में कुछ स्वदेशी कंपनियां भी आ गई है। और धीरे धीरे लोगों के दिमाग में यह बात बैठ गई कि घी खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। लोग घी नहीं खाने में गर्व का महसूस करने लगे कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक है। इसमें लोगों की गलती नहीं है क्योकि जब आप किसी एक ही झूठ को बार बार टीवी पर दिखाओगे तो वो लोगो सही लगने लगेगा। जबकि घी खाना सेहत के लिए हानिकारक नही बल्कि बहुत ही लाभदायक है। घी हजारों गुणों से भरपूर होता है, खासकर गाय का घी तो खुद में ही अमृत है। गाय का घी हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल को बढाता नही बल्कि कम करता है। गाय का देशी घी मोटापे को बढाता नही बल्कि शरीर के ख़राब फैट को कम करता है। घी एंटीवायरल है और शरीर में होने वाले किसी भी संक्रमण को रोकता है। घी का नियमित उपयोग ब्रेन टोनिक का कार्य करता है। विशेषकर बढ़ते बच्चों के शारीरिक और दिमागी विकास के लिए ये बहुत ही आवश्यक है। और ये जो उठते और बैठते समय आपके शरीर की हड्डियों से चर मर की आवाज आती है इसकी कारण आपकी हड्डियों में लुब्रिकेंट की कमी होना है, अगर आप घी का रेगुलर सेवन करते है तो ये आपकी मांसपेशियों को मजबूत करता है और आपकी हड्डियों को पुष्ट करता है। घी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। देशी गाय का घी हमारे पाचन क्रिया को भी ठीक रखता है जो आजकल सबसे बड़ी समस्या है। जिस वजह से आज हर दूसरा व्यक्ति कब्ज का रोगी है जो कई रोगों का कारण बनती है।

आइये अब हम जानते है कि घी को कितना और कैसे खाएं?

रोज का निकला घी रोज खाना शरीर के लिए सबसे बढिया होता है। अन्यथा बनने के 90 दिन के अंदर का उस घी का उपयोग कर लेना चाहिए। उसके बाद उसकी सुगंध बदल जाती है और वह औषधि के रूप प्रयोग किया जाता है। • शहर में काम करने वाले एक सामान्य व्यक्ति के लिए प्रतिदिन आयु के अनुसार 2 से 4 छोटी चम्मच घी ही खाए • गर्भवती महिला के लिए प्रसव के पूर्व तो लाभदायक रहता ही है है परंतु प्रसव के बाद तो यह अमृत तुल्य है। भारत मे अलग अलग क्षेत्रो में खाने के घी के भिन्न भिन्न व्यंजन बनाये जाते है। • इसे आप दाल,एवं सब्जी में भी जरुर डालें। • घी और काली मिर्च का मेल विष को काटता है अतः खेतो में प्रयोग होने वाले विष(कीटनाशकों) के प्रभाव खत्म करने के लिए सब्ज़ी में ऊपर से घी एवं कालीमिर्च जरुर डालें। • रात में गाय के दूध में घी फेंटकर पीने के अद्भुत लाभ है। इससे वीर्य वृद्धि होती है • चाय जैसे नशे के आदि लोग जिनकी चाय नही छूटती तो उसमें एक चम्मच यह शुद्ध घी डाल कर अवश्य- बच्चो के भोजन में इसका प्रयोग उदारता से करें। •यदि आपको शुद्ध देसी गाय का दूध उपलब्ध है तो छाछ, दही या मक्खन भी गाय का ही सेवन करें।और यदि आपको गाय के दूध उपलब्ध नही है तो तब गलत दूध न मंगवाकर घी का सेवन अधिक करें। •एकादशी पर धार्मिक दृष्टि से न सही शारीरिक दृष्टि से ही उपवास करें। उस दिन 50 से 100 ग्राम गुनगुना घी पीकर दिन भर गुनगुने या गर्म पानी का सेवन करें। जीवन मे कभी कैंसर नहीं होगा,और जोड़ो के दर्द से मुक्ति के अलावा अनगिनत लाभ होंगे। • घी को गर्म करके या बिना गर्म करे दोनों तरीके से खा सकते है। चाहे तो इसमें खाना पका सकते है या फिर बाद में खाने के ऊपर डालकर खा लें। दोनों ही तरीके से घी बहुत ही फायदेमंद है। • भाद्रपद माह अथवा भादवे के महीने के घी का सेवन जरुर करें। • आप सबसे अच्छा, सुंदर एवं युवा दिखना चाहते हैं तो घी जरुर खाएं क्योंकि घी एंटीओक्सिडेंट जोकि आपकी त्वचा को हमेशा चमकदार और मुलायम रखता है। लिखने को बहुत कुछ है परंतु अभी के लिए इतना ही। आपके अपने और आसपास के सभी लोगों की एवं विशेषकर बच्चो के उत्तम स्वास्थ्य के लिए यह जानकारी उनके साथ अवश्य शेयर करे। और जो बिना घी की रोटी खाते है उनको ये पोस्ट जरुर शेयर करें। ऐसा घी यदि संभव हो तो घर पर ही बनाएं तो ज्यादा बेहतर होगा। गाय का शुद्ध देशी घी का इस्तेमाल करें क्योकि यह घी ही फायदेमंद होता है। धन्यवाद

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