एसिडिटी (acidity)की समस्या, रोकथाम, उपचार

एसिडिटी (acidity)की समस्या, रोकथाम, उपचार

एसिडिटी(acidity) की समस्या-

आज की जीवनशैली में एसिडिटी(acidity)की समस्या एक आम बात है। यह कोई नया रोग नहीं है,लेकिन आजकल की बिगडती दिनचर्या के बूरे प्रभाव के कारण इसका खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जब गलत खानपान और बदहजमी के कारण पेट में पि‍त्त में गड़बड़ी होने से अम्ल की मात्रा अधिक हो जाती है, तो उसे अम्लपित्त कहते हैं। यही अम्लपित्त एसिडिटी(acidity) कहलाता है।
अधिक गर्म खाना, तीखा, मसालेदार खाना खाने से,खट्टी चीजों का अधिक सेवन करना, भारी भोजन जो देर से पचता है,नशा करने वाले पदार्थों का सेवन करने से एसडिटी की समस्या उत्पन्न होती है। भोजन पचता नहीं है उससे पहले ही और कुछ न कुछ खाते रहना और बदहजमी के बावजूद खाते रहना,आपके इस रोग को और बढ़ा सकता है। परन्तु लोगों को यह पता ही नहीं है कि हमें भोजन कितना करना चाहिए अगर लोग भोजन करने का रहस्य जान जाए तो हम हमेशा के लिए एसिडिटी से बच सकते है।
जब भी भोजन करने बैठे इस बात का ध्यान जरुर रखना है कि खाना हमको तब तक ही खाना है जब तक पहली बार डकार आए जिसे तृप्ति डकार भी कहते है। आमाशय हमें संकेत देता है कि अब पेट भर गया है और अब और नहीं खाना है परन्तु लोग फिर भी खाना बंद नहीं करते है और खाते रहते है पर जब आमाशय पूरा भर जाता है। तो पाचक रसों को भोजन को पचाने के लिए जगह ही नहीं बचती है तो यह एसिड आहार नली में आकर रुक जाता है। जिससे हमें दिनभर खट्टी डकारे आती है पेट में जलन रहती और इसी को हम एसिडिटी कहते है।
एसिडिटी होने के कई कारण है यह अम्लीय चीजे ज्यादा खाने से भी होता है जब शरीर में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है तभी यह खट्टी डकारें आती है एसिडिटी होने पर हमे क्षारीय चीजों का सेवन करना चाहिए इससे एसिड का रिफ्लेक्सन कम हो जाता है और सीने की जलन भी कुछ कम हो जाती है आजकल अधिकांश लोग एसिडिटी की बीमारी से ग्रस्त है जिसका मुख्य कारण है आजकल लोग अपने कामकाज में इतने व्यस्त है कि वह घर का खाना भी नहीं खा सकते है और वो लोग बाहर का खाना और होटलों व रेस्टोरेंट का खाना ज्यादा खाते है इसमें मुख्य रूप से तैलीय पदार्थ जैसे- कचौरी समोसा पराठे इडली डोसा,बर्गर ,पिज्जा,ब्रेड,बेक समोसा आदि चीजो का सेवन ज्यादा करते है जिसके कारण वह एसिडिटी की समस्या से ग्रसित हो जाते है। अत्यधिक मात्रा में चाय, काफी और कोल्डड्रिंक का सेवन नहीं करना है।

एसिडिटी के लक्षण -

खाने का सही तरीके से पाचन नहीं हो पाना, बिना मेहनत के जल्दी ही थक जाना, कड़वी या खट्टी डकारें आना, शरीर भारी-भारी लगना, सीने और पेट में जलन होना, मितली आना और मुंह से खट्टा पानी आना,सिर में दर्द रहना, जैसे लक्षण एसिडिटी में सामने आते हैं।

एसिडिटी (acidity)को ठीक करने के उपाय-

1. गेहूं या जौ के आटे(चोकर सहित) से बने रोटियां ही खाएं, क्योंकि इनको खाने से अपच समस्या नहीं होती है, इससे गैस भी नहीं बनती है। बल्कि इससे आपकी पाचनक्रिया अच्छी रहेगी। 2. लौकी ,परवल, तोरई,टिंडे,मूंग की दाल,गिलकी,टिंडे, कद्दू जैसी सब्ज‍ियों का सेवन जरुर करें। यह हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखती है,इनकी सब्जी खाने से एसिडिटी नहीं होती है। 3. पपीता, मौसमी, अनार आदि फलों को अपनी डाइट में जरुर शामिल करें।एसिडिटी होने पर नारियल और नारियल पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। 4. मुनक्का, आंवले का मुरब्बा, कच्चा आंवला खाना भी एसिडिटी में बहुत लाभदायक है।आंवले के अलावा,किसी भी खट्टी चीज का सेवन नहीं करना है। नहीं तो इससे एसिडि‍टी बढ़ सकती है। 5.ज्यादा भारी भोजन नहीं करना है हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन करें। 6.गुलकंद व गुलाब से बनी चीजों का सेवन आपको अधिक करना है, क्योंकि यह आपके पेट में ठंडक उत्पन्न करेगा, जिससे एसिडिटी में आराम मिलता है। 7. जीरा एसिडिटी में बहुत ही लाभदायक है कितनी भी भयंकर से भयंकर एसिडिटी हो तो आपको जीरा कच्चा ही चबा चबा कर खाना हैं। एसिडिटी के हिसाब से आधे से एक चम्मच (ढाई से पांच ग्राम) जीरा खाए। इसके 10 मिनट बाद गुनगुना पानी पी ले। आप देखेंगे के आपकी समस्या ऐसे गायब हो गयी है।

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