Sluggish all day

अगर आप दिनभर सुस्त (Sluggish all day) रहते हैं तो करें यह रामबाण उपाय

अगर आप दिनभर सुस्त (Sluggish all day) रहते हैं तो करें यह रामबाण उपाय -

अगर आप प्रतिदिन आठ से नौ घंटों की नींद ले रहे हैं फिर भी आपको दिन में सुस्ती(Lethargy problem) रहती है और नींद अधिक आती है या झोके (झपकी) आते है तो आपको अपने आहार पर ध्यान देने की जरूरत है। कम से कम एक निश्चित मात्रा में शाकाहारी भोजन लेना होगा, जिसे आप बिना पकाए, कच्चा ही खा सकें- यह भोजन आपकी स्पूर्ति के लिए बहुत आवश्यक है। क्योकि जब आप भोजन पकाते हैं तो उसकी बहुत सारी प्राण या जीवन ऊर्जा नष्ट हो जाती है। यही कारण है कि इस भोजन को खाने से शरीर में आलस बना रहता है। अगर आप ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें तो आपको आलस्य नहीं आएगा। और एक चीज़ जो आप सबसे पहले नोटिस करेंगे, वो ये है कि इससे आपकी नींद कम हो जाएँगी। हमारे भारत में कहा जाता है कि भोजन को पकाने के बाद डेढ़ से दो घंटे के बीच खा लेना चाहिए। भोजन को बनाकर लम्बे समय तक फ्रिज में रखने के बाद अगर आप उसको खाते है तो आपको नींद की समस्या और बढ़ सकती है और इससे आपके शरीर में बहुत सारी समस्याएं भी हो सकती है। और जो डिब्बाबंद या पैकेटबंद भोजन है वह भी आलस्य को बढ़ाता है जिससे आपकी मानसिक फुर्ती और सजगता में कमी आ जाती है।
आप अपने शरीर की प्राण ऊर्जाओं को जितना सही ढंग से प्रबंधन करते है आपके शरीर में उतना ही कम आलस आएगा। ध्यान एकाग्र करने के लिए आपको मन की ही नही आपकी शारीरिक ऊर्जा की सजकता भी बहुत आवश्यक है इसके लिए आपको केवल चौबीस कौर(रोटी के ग्रास) ही खाने चाहिए और हर कौर को चौबीस बार चबाना है इस तरह से आपका भोजन पेट में जाते ही पच जाएगा और आपके शरीर में आलस नही आएगा। अगर आप शाम के भोजन को भी इसी तरह खायेगे तो आप सुबह साढ़े तीन बजे बिना उठाये भी उठ सकेंगे। शास्त्रों में इस समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है इस समय प्रकृति में सकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है और इस वक्त हम जो भी कार्य करते है उसके लिए हमें प्रकृति का अतिरिक्त सहयोग भी मिलता है। इस समय को साधना और पूजा करने के उत्तम बताया गया है। आपके शरीर को नींद और भोजन की आवश्यकता आपकी शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करती है जब गतिविधियाँ अधिक हो तो आपको उस हिसाब से भोजन और नींद ले सकते है और गतिविधियाँ कम होने पर कम भोजन और नींद से भी आपको पूरा आराम मिलेगा। और अगर शरीर को भरपूर आराम और नींद मिल जाती है तो यह उठ जाएगा। इसको जगाने के लिए आपको अलार्म लगाने की जरूरत नही है और उस दिन आप ऊर्जा और स्पूर्ति से भी भरे रहेंगे। पर कई लोग तो ऐसे होते है कि जब तक वह भरपेट खाना नहीं खा लेते और शरीर को सुस्त नही बना लेते तब तक उन्हें नींद ही नही आती है ऐसे लोग धीरे-धीरे बहुत सी शारीरिक समस्याओं से ग्रस्त हो जाते है और उन्हें दिनभर आलस आता रहता है अगर आपकी भी यही स्थिति है तो आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह नींद नही आने की समस्या नही है यह आपकी मानसिक अवस्था होती है जो आपके दिमाग में घर कर गयी है। शरीर सुस्त होने पर जब नींद आती है तो वो तुरंत सो जाते है ऐसा करने से आपके द्वारा खाया गया खाना भी ठीक से नहीं पच पाता है और शरीर की नाड़ी की गति धीमी हो जाती है आपका शरीर ही नाड़ी को धीमी करता है क्योकि अगर रक्त का संचार पहले जैसा ही हो तो बहुत सारा रक्त अपने मस्तिष्क में जा कर नुकसान कर सकता है। हालाँकि योग द्वारा आप अपनी नाड़ी की गति धीमी कर सकते है जिससे आप हमेशा आराम महसूस करेंगे और शरीर में थकान नहीं लगेगी।

आयुर्वेद के अनुसार, दिन में नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे कफ और पित्त दोष के बीच में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है। इस असंतुलन का शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि, आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ लोग दिन में सो सकते हैं लेकिन सिर्फ गर्मियों में। इसका कारण यह होता है कि गर्मियों में रातें छोटी होती हैं जिसके कारण इस मौसम में शरीर में अधिक थकान हो जाती है। इसलिए दोपहर में 20 मिनट की झपकी ले सकते है इसके अलावा जब आप सोते हैं और अपना सिर उत्तर की ओर रखते हैं, मान लेते हैं कि आपने 5-6 घंटे ऐसा किया, तो धरती का चुंबकीय बल आपके दिमाग पर दबाव देगा क्योंकि आपके शरीर में लौह एक अनिवार्य तत्व है। ऐसा नहीं है कि इस दिशा में सोने से प्राण चले जाएँगे पर अगर आप रोज ऐसा करते हैं तो आप परेशानी को बुलावा दे रहे हैं। अगर आप एक निश्चित आयु के हैं और रक्त नलिकाएँ दुर्बल हैं, तो इससे दिमागी रक्तस्राव या पक्षाघात का खतरा हो सकता है। अगर आपका तंत्र मजबूत है, तो हो सकता है कि आपको नींद ठीक से न आए क्योंकि सामान्य की तुलना में, आपके दिमाग में रक्त का संचार अधिक होगा। और इसके कारण ही सुबह उठने पर सिर भारी-भारी लगता है और नींद ठीक से न आने से दिनभर सुस्ती रहती है। इसलिए अगर आप उत्तरी गोलार्द्ध हैं, तो सबसे अच्छा होगा कि आप पूर्व की ओर सिर करके सोएँ। उत्तर-पूर्व भी उचित है। पश्चिम ठीक है, दक्षिण भी ठीक हो सकता है पर उत्तर दिशा में सिर करके न सोयें। दक्षिणी गोलार्द्ध में हैं, तो अपने सिर को दक्षिण की ओर न करें।
अगर देखा जाएँ तो शरीर को नींद से अधिक आराम की जरूरत होती है यह सुनने में आपको थोडा अजीब लग रहा होगा तो पर यही सच है अगर शरीर को परिश्रम के बाद आराम मिल जाएँ तो उसे नींद की इतनी आवश्यक नही रहती है हालाँकि नींद भी जरूरी है पर इसे कम किया जा सकता है अगर आपके शरीर को सही आराम मिल जाता है तो नींद का समय धीरे-धीरे कम होने लगेगा। इसके अलावा सद्गुरु द्वारा बताई शांभवी महामुद्रा द्वारा आप अपनी नींद को कम कर सकते है।
फिर भी अगर नींद आये तो यह उपाय कर सकते है
ग्रीन टी - थकान मिटाने के उपाय में 1 कप ग्रीन टी पीना अच्छा है। जब ज्यादा काम हो या फिर तनाव की वजह से थकान हो रही हो तो ग्रीन टी पीने से एकाग्रता बढ़ती है और आप बॉडी में एनर्जी महसूस करेंगे।
सौंफ - यह कोई मामुली चीज़ नहीं है, सौंफ में पाए जाने वाले कैल्शियम, सोडियम, आयरन और पोटैशियम शरीर में थकान व सुस्ती वाले हार्मोन्स को खत्म कर डालते हैं। सौंफ को आप चाहे तो चबा चबा कर खा सकते हैं या फिर सौंफ वाली चाय भी पी सकते हैं। आप कुछ ही देर में तरोताजा महसूस करने लगेंगे। धन्यवाद

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